Sunday, December 23, 2012

Khalbali hai Khalbali !!!!



                       यूँ  तो मेरे मन मैं कई बार यह ख्याल आया की फिर से कुछ लिखा जाये मगर ना जाने क्यूँ अपने ही ख्याल को मैं सुन कर भी अनसुना करती रही और आज 24 दिसम्बर को आखिरकार इतने महीनो के बाद मैंने कुछ लिखने का अपना दिल बना ही लिया  छुट्टियों के दिन है ,बाहर सिर्फ बर्फ ही बर्फ है,रोज़ रोज़ बाहर बर्फ में निकल कर दो ही काम हो सकते है या तो सर्दी लगने का खतरा और या बर्फ मैं गिर कर हड्डी तुडवाने का और दोनों में ही नुकसान  मेरे अकेले का  अब ऐसे मैं क्या किया जाये जिससे वक़्त कुछ अच्छी तरह से निकल जाये और कोई नुकसान  भी ना हो 
          कई बार हम अपने दिल की बात किसी को बताने चाहे तो या तो हमारे पास  बताने के लिए उचित शब्द कम पड़  जाते है या यूँ भी कह सकते है की सामने वाला आपके शब्दों को समझ नहीं पताया तो वो कुछ जयादा ही समझ लेते है या कुछ भी नहीं और ऐसे में जब आपकी भावनाओ को कोई ना समझ पाए तो सबसे उचित होगा की आप खुद अपनी भावनाओ को नज़रंदाज़ मत करो और जो दिल में आये उसे अपने आप को सोचने समझने का पूरा पूरा मौका दो  
                          आज कल की latest news या खलबली जो मेरे दिमाग पर  छाए हुई है वो कोई एक बात नहीं है actually कई सारी है  सबसे पहले हमारी छुट्टियाँ ,21 दिसम्बर को दुनिया का ख़त्म  होने की नाकामयाब चर्चा  अमेरिका में हाल फिलाल में हुआ एक हादसा जिसमें एक स्कूल में कई मासूम बच्चो और कुछ  teachers की  स्कूल के अंदर बन्दूक की गोली से मार कर हत्या कर दी गयी और दूसरी तरफ Delhi gang rape  दुनिया ख़त्म  हुई या नहीं या कैसे होगी वह  सब तो मुझे नहीं पता ,ना मैं पता करना चाहती हूँ, चाहती हूँ तो बस इतना की अगर  दुनिया का हर इंसान सिर्फ अपनी जिम्मेदारी लेले तो काफी कुछ ठीक हो सकता है।  हर कोई अगर इतना कमा ले की वह अपना जीवन हँसी खुशी बिताने लायक हो जाए  अगर किसी को दे ना सके तो किसी से मांगने की नौबत भी ना आये तो सब ठीक हो सकता है  
                   दिन- रात ,अमरीका से लेकर इंडिया तक ,यह सब जो हो रहा है ,क्या यह मानसिक असंतुलन का कारण तो नहीं ,मगर मेरा  पूरा पूरा शक इसी ओर जाता है वो कहते है ना " खाली दिमाग शेतान का घर " . इंसान के पास जब सपने तो बहुत बड़े बड़े होते है मगर उन्हें पूरा करने की हिम्मत और लगन नहीं होती तो शायद वह उन्हें गलत तरीके से पूरा करने की सोचने लगता है और गलत राह पे चल देता है  विनाश काले विरीत बुद्धि !! या कही ऐसा तो नहीं की यह हॉलीवुड और बॉलीवुड से प्रभावित हो कर लिया हुआ कदम है ,हॉलीवुड मैं गोलियों ,बन्दूक,खून खरबा इन सब के बिना कोई मूवी नहीं बनती और बॉलीवुड में आइटम नंबर और rape के बिना  मुझे मालूम नहीं  की अमेरिका में दिन दहाड़े एक स्कूल में  मासूम बच्चो की  जान लेने की क्या सजा है ,मुझे मालूम नहीं की इंडिया मैं रात के अँधेरे मैं एक लड़की का gang rape करके उसको अधमरा सड़क पे छोड़ के जाने की क्या सजा है  शायद यह सब बाते सिर्फ न्यूज़ तक ही सीमित रह जाएँगी या मात्र चर्चा का विषय बन कर  इन सब का जिम्मेबाद कौन है ? क्या इन अपराधो की कोई सजा है ? क्या यह अपराध भविष्य में दुबारा कभी नहीं होंगे ? क्या दुनिया अभी खत्म नहीं हुई या अभी भी कुछ बाकि है ? सवाल तो हम सब के मन मैं बहुत है मगर यह सब हमारे साथ नहीं हुआ है इस लिए यह सिर्फ सवाल है अगर यह सब हमारे साथ होता तो क्या तब भी यह सब बातें सिर्फ सवाल ही बन कर रह जाते ???


Weird Thoughts